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क्रिकेट के इतिहास का सबसे शर्मनाक मैच


वैसे तो क्रिकेट हिस्ट्री में आपने बहुत सारे फिक्स मैच देखे होंगे । जिसमें ज़्यादातर मैच, पैसों के लिए फिक्स किए जाते थे । पर क्रिकेट वर्ल्ड कप के इतिहास का सबसे बड़ा फिक्स-टाइप मैच हुआ था 1999 के वर्ल्डकप में। जो ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज के बीच खेला गया था। हालाँकि ये मैच फिक्स तो नहीं था। लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने जिस क़दर बलेबाज़ी की उस पर सबने ऑस्ट्रेलिया की खेल भावना पर भरपूर थू थू की। 

     दरअसल हुआ कुछ यूँ था, कि 1999 में हुए वर्ल्डकप के सुपरसिक्स के नियमों के मुताबिक़, जो भी टीम सुपरसिक्स में क्वालीफाई करेंगी। तो उससे पहले खेले गये मैचों में अगर किसी टीम ने उसे पहले हराया होगा तो उस जीत के कारण उस टीम को आटोमेटिक पॉइंट्स मिल जायेंगे। तो उस वर्ल्डकप में न्यूज़ीलैण्ड ने ऑस्ट्रेलिया को लीग मैच में हरा दिया था । और पाकिस्तान ने उन दोनों को ही हराया था। इसलिए पाकिस्तान का क्वालीफाई करना तो तय था। तो हालात कुछ कुछ यूँ बन गए कि वेस्टइंडीज की टीम उस मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले बलेबाज़ी करते हुए मात्र 110 रनों पे आलआउट हो गई। अब इस लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया बड़ी आसानी से और बड़ी जल्दी हासिल कर सकता था। पर ऑस्ट्रेलिया ने ऐसा नहीं किया नहीं किया। क्योंकि ऑस्ट्रेलिया जनता था कि ऐसा करने पर वेस्टइंडीज का नेट रन रेट बेहद खराब हो जाएगा, और न्यूज़ीलैण्ड सुपरसिक्स में आसानी से क्वालीफाई कर जाएगा और ऑस्ट्रेलिया को पॉइंट्स नहीं मिलने थे। इसलिए ऑस्ट्रेलिया ने बेहद ही धीरे खेलना शुरू कर दिया ताकि वेस्ट इंडीज इस मैच में ज्यादा बुरी तरह ना हार सके। ऑस्ट्रेलिया ने 110 रनों के इस आसान से लक्ष्य को हासिल करने में, 40 ओवर ले लिए। अब क्या था ! पूरे ग्राउंड पर दर्शकों ने ऑस्ट्रेलिया की इस होछी हरकत को समझ चुके थे कि ये सब क्या चल रहा है।  इसलिए सब ऑस्टेलियन टीम पर थू थू कर रहे थे। यहाँ तक की कमेंटेटर भी ऑस्ट्रेलिया की इस हरकत की आलोचना कर रहे थे। परन्तु बावजूद इसके ऑस्ट्रेलिया ने पूरा समय लेकर ऐसे मैच बनाया कि न्यूज़ीलैण्ड का सुपरसिक्स में क्वालीफाई करना नामुमकिन हो जाए। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव वॉ ने 70 गेंदों पर मात्र 19 रन बनाये, जबकि माइकल बेवन ने इतनी ही गेंदों पर केवल 20 रन बनाये थे। चारों तरफ़ से ऑस्ट्रेलियन टीम की भरपूर आलोचना हो रही थी। लेकिन बावजूद इसके, न्यूज़ीलैण्ड वर्ल्डकप से बाहर नहीं हुई। क्यूंकि न्यूज़ीलैंड ने अपने आखिरी लीग मैच में स्कॉटलैंड को 121 रन पर ही आलआउट कर 122 रनों के लक्ष्य को मात्र 17 ओवर में हासिल कर अपनी रन-रेट को ठीक कर लिया था जो कि उसे 21.2 ओवर में हासिल करना था हालांकि ये मुश्किल तो नहीं था परंतु उस समय की क्रिकेट के लिहाज़ से इतना आसान भी नहीं था। लेकिन न्यूज़ीलैंड ने ये मैच जीत कर सुपरसिक्स में अपनी जगह पक्की कर ऑस्ट्रेलिया को उसकी हरकत का भरपूर जवाब दिया।

इस मैच को क्रिकेट के इतिहास की सबसे शर्मनाक घटनाओं में से एक माना जाता है।

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